इस चिट्ठे पर हिन्दी की अतुकान्त कविता धारा की एक विशेष विधा " अगीत- कविता " व उसके साहित्य के विविध रूप-भाव प्रस्तुत किये जायेंगे.....
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Monday 25 January 2016
Saturday 9 January 2016
अखिल भारतीय अगीत परिषद् की नव वर्ष २०१६ की प्रथम गोष्ठी ---डा श्याम गुप्त ...
अखिल भारतीय अगीत परिषद् की नव वर्ष २०१६ की प्रथम गोष्ठी ---डा श्याम गुप्त ...
३ जनवरी २०१६ रविवार ---१९६६ से अटूट क्रम से निरंतर चली आ रही, माह के
प्रत्येक प्रथम रविवार को होने वाली अखिल भारतीय अगीत परिषद् की नववर्ष
२०१६ की प्रथम गोष्ठी अगीत विधा के संस्थापक साहित्यभूषण डा रंगनाथ सत्य
मिश्र के आवास अगीतायन , राजाजी पुरम लखनऊ पर सदा की भांति आयोजित हुई |
गोष्ठी के अध्यक्षता डा रंगनाथ मिश्र सत्य ने की | मुख्य अतिथि डा श्याम गुप्त व विशिष्ट अतिथि कविवर श्री ओमनीरव जी थे |
डा सुरेश प्रकाश शुक्ल, पार्थो सेन, डा योगेश गुप्त, शिव मंगल सिंह मंगल, सुभाष हुड़दंगी, रामप्रकाश शुक्ल, बेअदब लखनवी , मुरली मनोहर कपूर, आदि लगभग ३० कवियों ने विविध रंगों में कवितायें प्रस्तुत कीं |
गोष्ठी के अध्यक्षता डा रंगनाथ मिश्र सत्य ने की | मुख्य अतिथि डा श्याम गुप्त व विशिष्ट अतिथि कविवर श्री ओमनीरव जी थे |
डा सुरेश प्रकाश शुक्ल, पार्थो सेन, डा योगेश गुप्त, शिव मंगल सिंह मंगल, सुभाष हुड़दंगी, रामप्रकाश शुक्ल, बेअदब लखनवी , मुरली मनोहर कपूर, आदि लगभग ३० कवियों ने विविध रंगों में कवितायें प्रस्तुत कीं |
केन्द्रीय कवि के रूप में श्री ओम नीरव जी द्वारा विभिन्न कवितायें
प्रस्तुत की गयीं , जिन पर प्रत्येक कवि द्वारा संक्षिप्त सारगर्भित टिप्पणी भी
प्रस्तुत की गयी |
चित्र१. अध्यक्ष डा रंगनाथ मिश्र सत्य, मुख्य अतिथि डा श्याम गुप्त एवं विशिष्ट अतिथि कविवर ओम नीरव.....
चित्र-२- व ३.... डा योगेश , डा सुरश प्रकाश शुक्ल व अन्य कविगण
चित्र१. अध्यक्ष डा रंगनाथ मिश्र सत्य, मुख्य अतिथि डा श्याम गुप्त एवं विशिष्ट अतिथि कविवर ओम नीरव.....
चित्र-२- व ३.... डा योगेश , डा सुरश प्रकाश शुक्ल व अन्य कविगण
Monday 4 January 2016
Thursday 31 December 2015
नव वर्ष की शुभकामनाएं ---डा श्याम गुप्त .....
Friday 27 November 2015
अगीत की शिक्षाशाला --कार्यशाला --२९... सतत लगन, श्रम व धैर्य एवं प्रतिभा का अंततः सुपरिणाम ..डा श्याम गुप्त ...
सतत लगन, श्रम व धैर्य एवं प्रतिभा का अंततः सुपरिणाम
अविचल भाव से हिन्दी साहित्य में नयी नयी विधाओं को समर्पित करने वाले , हिन्दी भाषा व काव्य सेवी, अगीत कविता विधा के संस्थापक , संतुलित कहानी व संघात्मक समीक्षा के जनक वरिष्ठ साहित्यकार ड़ा रंगनाथ मिश्र 'सत्य' को उ.प्र. हिन्दी संस्थान द्वारा "साहित्य-भूषण" सम्मान-2014. प्रदत्त |
डा रंगनाथ मिश्र सत्य के हाइकू......डा श्याम गुप्त....
डा रंगनाथ मिश्र सत्य
के हाइकू....
मैं जानता हूँ
तुम्हारी हर चाल
पहचानता हूँ |
कहता नहीं
लेकिन कहना भी
नहीं चाहता |
हंसीं उड़ाते हैं
मेरी सहजता की
वे लगातार
सहजता ही
मनुष्य की होती है
सहज मित्र
बढजाती है
मनुष्य की आयु भी
प्राणायाम से
जीवन जियो
सच्चाई के साथ ही
सुखी रहोगे
त्याग तपस्या
बेकार न समझें
कभी भी मित्र
चलते रहें
कर्म के पथ पर
सुख मिलेगा
योग करिए
जीवन सुधारिए
स्वस्थ रहिये
Sunday 22 November 2015
माननीय मुलायम सिंह यादव जी को जन्मदिवस की शुभकामनाएं ...डा श्याम गुप्त
जन्मदिवस की शुभकामनाएं
गाँव गाँव हर शहर शहर की गली गली में डोलेंगे |
फ़ैल रहा जो जहर देश में उसमें अमृत घोलेंगे |
हर मज़हब के रहने वाले एक सूत्र में बंधे रहें |
कन्या से कश्मीर की घाटी तक हम हल्ला बोलेंगे ||
---डा रंगनाथ मिश्र ‘सत्य’
परम आदरणीय माननीय मुलायम सिंह यादव जी पूर्व मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश एवं पूर्व रक्षामंत्री भारत सरकार को उनके ७७वें जन्मदिवस पर बधाई एवं शत शत अभिनन्दन | वे शतायु होकर प्रदेश, देश-राष्ट्र, हिन्दी भाषा व साहित्य की अहर्निश सेवा करते रहें, ऐसी हमारी कामना है |
दिनांक -२२-११-२०१५ई. -----डा रंगनाथ मिश्र ‘सत्य
गाँव गाँव हर शहर शहर की गली गली में डोलेंगे |
फ़ैल रहा जो जहर देश में उसमें अमृत घोलेंगे |
हर मज़हब के रहने वाले एक सूत्र में बंधे रहें |
कन्या से कश्मीर की घाटी तक हम हल्ला बोलेंगे ||
---डा रंगनाथ मिश्र ‘सत्य’
परम आदरणीय माननीय मुलायम सिंह यादव जी पूर्व मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश एवं पूर्व रक्षामंत्री भारत सरकार को उनके ७७वें जन्मदिवस पर बधाई एवं शत शत अभिनन्दन | वे शतायु होकर प्रदेश, देश-राष्ट्र, हिन्दी भाषा व साहित्य की अहर्निश सेवा करते रहें, ऐसी हमारी कामना है |
दिनांक -२२-११-२०१५ई. -----डा रंगनाथ मिश्र ‘सत्य
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