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Friday 27 November 2015

डा रंगनाथ मिश्र सत्य के हाइकू......डा श्याम गुप्त....

 डा रंगनाथ मिश्र सत्य के हाइकू....


मैं जानता हूँ
तुम्हारी हर चाल
पहचानता हूँ |

कहता नहीं
लेकिन कहना भी
नहीं चाहता |

हंसीं उड़ाते हैं
मेरी सहजता की
वे लगातार

सहजता ही
मनुष्य की होती है
सहज मित्र

 बढजाती है
मनुष्य की आयु भी
प्राणायाम से

जीवन जियो
सच्चाई के साथ ही
सुखी रहोगे

त्याग तपस्या
बेकार न समझें
कभी भी मित्र

चलते रहें
कर्म के पथ पर
सुख मिलेगा

 योग करिए
जीवन सुधारिए
स्वस्थ रहिये 

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