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पिछली पोस्ट से आगे .....
लखनऊ नगर से बाहर नगरों के निवासी अगीतकारों में ---श्री धन सिंह मेहता (अल्मोडा), सुरेन्द्र कुमार वर्मा (रायवरेली ), स्नेह प्रभा (दिल्ली), डा मिथिलेश दीक्षित (शिकोहाबाद ), डा इंदिरा अग्रवाल ( अलीगढ़ ), कृष्ण नारायण पांडे ( दिल्ली), जवाहर लाल मधुकर (चेन्नई ), मिथिलेश कुमारी ( पटना ), बाल सोम गौतम (बस्ती ), विनय शंकर दीक्षित (उन्नाव ), ज्वेल थीफ (अलीगढ़), चन्द्रभान चन्द्र (उन्नाव) तथा डा देशबंधु शाहजहाँपुरी ...आदि..|
देश की सीमापार विदेशों में बसे अगीत रचनाकारों में --श्रीमती डा उषा गुप्ता (अमेरिका), सुरेश चन्द्र शुक्ल ( नार्वे), आर्यभूषण, सुरेश वर्मा, वक्शीस कौर संधू, शकुंतला बहादुर, कैलाश नाथ तिवारी व देवेन्द्र नारायण शुक्ल ( अमेरिका) आदि प्रमुख हैं |
प्रमुख अगीत रचनाएँ ....
महाकाव्य ---१-सौमित्र गुणाकर--वीरवर लक्ष्मण के चरित्र पर --श्री जगत नारायण पाण्डेय |
---२ -सृष्टि ( ईषत इच्छा या बिगबैंग--एक अनुत्तरित उत्तर ) --डा श्याम गुप्त |
खंडकाव्य --१-मोह और पश्चाताप ( राम कथा आधारित )--श्री जगत नारायण पाण्डेय ..|
--२- शूर्पणखा ( नारी विमर्श ) --डा श्याम गुप्त ..|
काव्य-कृतियाँ ....
अगीतिका (प्. जगत नारायण पाण्डेय ), अगीत श्री (सोहन लाल सुबुद्ध ), अगीत काव्य के चौदह रत्न (डा रंगनाथ मिश्र सत्य), काव्यमुक्तामृत ( डा श्याम गुप्त), अगीतोत्सव ( डा सत्य ), मेरे सौ अगीत ( अनिल किशोर निडर ), महकते फूल अगीत के (मंजू सक्सेना विनोद), अगीत महल ( सुदर्शन कमलेश ), आँचल के अगीत (काशी नरेश श्रीवास्तव), झांकते अगीत (श्रीकृष्ण तिवारी ), मेरे अगीत छंद(सुरेन्द्र कुमार वर्मा), अगीत काव्य के इक्कीस स्तंभ , अष्टादश पथी,व सोलह महारथी ( सभी डा सत्य ), कवि सोहन लाल सुबुद्ध का परिचय ( डा सत्य), चाँद को चूमते अगीत (वीरेंद्र निझावन ), गूंजते अगीत (अमर नाथ बाजपई ), अगीतान्कुर व अगीत सौरभ (गिरिजा शंकर पांडे ), विश्वास की ह्त्या (राम कृष्ण दीक्षित फक्कड ), अनकहे अगीत (वीरेंद्र निझावन, अगीत सुमन (प्रेम चंद गुप्त विशाल ), अगीत प्रसून ( राजीव सरन ), मेरे प्रिय अगीत ( गिरिजा देवी निर्लिप्त ), उन्मुख अगीत (नित्यानंद तिवारी ), अगीत आँजुरी (नारायण प्रकाश नज़र ), औरत एक नहीं ( वाहिद अली वाहिद ), दिव्य-अगीत ( धुरेन्द्र प्रसाद बिसारिया ) आदि....|
पत्र-पत्रिकाएं --- अगीत त्रैमासिक , अगीतायन ( साप्ताहिक) ---संपादक -श्री अनुराग मिश्र मी.३८८५, अगीतायन, राजाजी पुरम, लखनऊ -१७.
अन्य रचनाएँ जिनमें अगीत का प्रयोग हुआ ---- मैं भी गांधी हूँ (सूर्य नारायण मिश्र -१९८५), अवंतिका(रामचंद्र शुक्ल-१९८५), अगीत प्रवाह ( तेज नारायण राही ), नैतिकता पूछती है (सोहन लाल सुबुध ), मन दर्पण (मंजू लता तिवारी -१९९४), मैं भी शिव हूँ (कौशलेन्द्र पांडे-२०००), विद्रोही गीत (भगवान स्वरुप कटियार -२०००), काव्य-प्रभा (त्रिभुवन सिंह चौहान -२०००), काव्य-वाटिका ( तेज नारायण राही-२०००), तुम्हारी याद में (जय प्रकाश शर्मा-२०००), कोरिया है सपनों का देश ( डा नीरज कुमार -२०००), गुनहगार हूँ मैं (जावेद अली), प्रवासी अमेरिकी भारतीय -खंड १ व २ (डा उषा गुप्ता-अमेरिका ) एवं वर्तिका ( डा योगेश गुप्त)...|
अगीत विधा के सम्बन्ध में ग्रंथों, शोध ग्रंथों में उल्लेख व आलेख.....
१-समकालीन कविता और अगीत - जंग बहादुर सक्सेना |
२- अगीत--उद्भव, विकास व संभावनाएं ---गिरिजा शंकर पांडे 'अंकुर' |
३-हिन्दी साहित्य का इतिहास व द्वितीय महायुद्धोत्तर हिन्दी साहित्य का चित्रण --डा लक्ष्मी शंकर वार्ष्णेय |
४-नया साहित्य नए रूप---डा सूर्य प्रसाद दीक्षित |
५-साहित्य की विभिन्न प्रवृत्तियां ---डा जय किशन दीक्षित |
६-छायावादोत्तर प्रगीत काव्य ---डा विनोद गोधरे |
७-हिन्दी साहित्य का विवेचनात्मक इतिहास --डा राजनाथ शर्मा, आगरा |
८-समकालीन कविता-विविध परिदृश्य--डा हर दयाल |
९-अकविता और कला सौंदर्य----डा श्याम परमार --भोपाल |
१०-अमेरिकी प्रवासी भारतीय :हिन्दी प्रतिभाएं ---डा उषा गुप्ता |
११-टूटी-फूटी कड़ियाँ ---डा हरिबंश् राय 'बच्चन' |
१२-हिन्दी साहित्य का सुबोध इतिहास ---बाबू गुलाब राय ....( परिवर्धित संस्करण सन २००० ई.)
१३-डा वेरस्की, वारसा विश्व विद्यालय, पोलेंड ---के आलेख में अगीत का उल्लेख |
१४- डा वोलीशेव-- रूसी-हिन्दी विद्वान, मास्को द्वारा 'प्रावदा ' में प्रकाशित आलेख- "भारत की किस्म किस्म की कविता " में अगीत का उल्लेख --जिसका हिन्दी दिनमान में अनुवाद हेम चंद पांडे ने किया |
अगीत पर शोध प्रबंध ....
"हिन्दी साहित्य सेवी संस्था : अगीत परिषद का अनुशीलन" ---लाल बहादुर वर्मा
साहित्यकारों व अन्य विद्वानों द्वारा अगीत पर सम्म्मतियाँ व टिप्पणियाँ ---
१- अधिकतर विदेशों में कहीं कविता गाकर नहीं पढ़ी जाती है, अतः अगीत का भविष्य उज्जवल है | --उपन्यासकार यशपाल....
२-यदि अगीत फैशन के लिए नहीं है तो तो उसका भविष्य उज्जवल है -श्री अमृतलाल नागर उपन्यासकार|
३-अगीत विधा का आंदोलन भारतीय पृष्ठभूमि पर आधारित है |---समीक्षक उमेशचन्द्र शुक्ल |
४-अगीत के रचनाकार कर्तव्यनिष्ठ हैं ---चौधरी नबाव सिंह यादव पूर्व मंत्री उ.प्र. |
५-अगीत वस्तुतः गीति-काव्य का ही नया अभिकल्प है |--प्रोफ. सूर्यप्रसाद दीक्षित ,लखनऊ वि.वि |
६-"अगीतवाद की अतीव आवश्यकता है " ---डा वेरस्की , वारसा, पोलेंड |
७-अगीतकार अनास्था से नाता तोडकर आस्था का हाथ पकडना चाहता है |--डा शम्भूनाथ चतर्वेदी |
८- अगीत एक निषेधात्मक आन्दोलन नहीं है |--डा जगदीश गुप्त, साहित्यकार |
९-अगीत पत्रिका हिन्दी काव्य की उर्वरा शक्ति की परिचायका है |-पद्मश्री लक्ष्मी नारायण दुबे ..|
१०-आज नहीं किन्तु कुछ समय उपरान्त इन अगीत पत्रिकाओं का बहुत बड़ा साहित्यिक मूल्यांकन होगा |
---- डा त्रिलोकी नारायण दीक्षित |
११-अगीत को नई उषा मिले |--डा उषा गुप्ता, रीडर, हिन्दी विभाग , लखनऊ वि.वि. |
१२-मुझे विश्वास है अगीत स्थायित्व ग्रहण करेगा |--कमलापति मिश्र |
१३-अगीत बुद्धि से निकलकर ह्रदय को छूना चाहता है |--रामचंद्र शुक्ल , न्यायाधीश |
१४-कविता के क्षेत्र में गीत-अगीत की निर्झरिणी बह रही है |--शंभू नाथ आईएएस व साहित्यकार |
१५-अगीत मौन रहते हुए भी मुखर रहता है, यह मन व बुद्धि के सम्यक अनुशीलन से उत्पन्न एक विधा है धारा है |
१६-अगीत में भी अपार संभावनाएं हैं | ---डा श्याम गुप्त ..शल्य-चिकित्सक व साहित्यकार |
१७-आज छोटी कविताओं का, अगीत का युग है |--डा लक्ष्मी नारायण दुबे, साहित्यकार |
१८-अगीत के रचनाकारों में नए तथ्य मिलते हैं |--- डा लोथार लुत्से, जर्मनी |
१९-भारत में किसिम किसिम की कविता में अगीत काव्य का महत्वपूर्ण स्थान है -डा चेलिशेव, मास्को |
---- इति अध्याय तीन ---
अगीत साहित्य दर्पण (क्रमश:), अध्याय चार --अगीत छंद एवं उनका रचना विधान ....अगली पोस्ट में