अगीत की शिक्षाशाला--कार्यशाला २७.. कुछ नव-अगीत ...
डा रंगनाथ मिश्र सत्य के ..हाइकू ---
मैं जानता हूँ ,
तुम्हारी हर चाल -
पहचानता हूँ |
कहता नहीं
लेकिन कहना भी
नहीं चाहता |
वे लगातार
मेरी सहज़ता की
हंसी उड़ाते हैं |
सहजता ही
मनुज की होती है
अभिन्न मित्र |
योग करिए
जीवन सुधारिए
स्वस्थ रहिये |
प्राणायाम से
मनुष्य की आयु भी
बढ़ जाती है |
जीवन जियो
सच्चाई के साथ ही
सुखी रहोगे |
त्याग-तपस्या
कभी भी बेकार न
समझें मित्र |
कर्म करते
रहिये लगातार
सुख मिलेगा |
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