Followers

Showing posts with label लविवि. Show all posts
Showing posts with label लविवि. Show all posts

Wednesday 10 January 2018

अगीत की शिक्षा शाला ---कार्यशाला --३५---लखनऊ विश्वविद्यालय के शोधप्रबंध में अगीत का उल्लेख ----डा श्याम गुप्त



              अगीत की शिक्षा शाला ---कार्यशाला --३५...

   ----लखनऊ विश्वविद्यालय के शोधप्रबंध में अगीत का उल्लेख ----

१. - पृष्ठ १८—     “ड़ा श्याम गुप्त ने कई नवीन छंदों की सृष्टि भी की है | उदाहरणार्थ गीति-विधा के ‘पंचक सवैया’ एवं ‘श्याम सवैया छंद’ आदि तथा अगीत-विधा के ‘लयबद्ध-अगीत’, ‘षटपदी-अगीत’ , ‘त्रिपदा-अगीत’, ‘नव-अगीत छंद’ व ‘त्रिपदा अगीत ग़ज़ल’ आदि भी लिखे हैं | अगीत पर पृथक शोध की आवश्यकता है |  
२. - पृष्ठ -४०..”.प्रेम अगीत में ड़ा श्यामगुप्त ने अगीत-विधा में अपने स्वयं सृजित नवीन छंद ‘लयबद्ध अगीत‘ में प्रेम के विविध भावों को सरस गीतिमयता द्वारा अभिव्यक्त किया है |”

३.---- शोध प्रबंध में अगीत महाकाव्य ‘सृष्टि –ईशत इच्छा या बिगबेंग-एक अनुत्तारित उत्तर‘ एवं अगीत खंडकाव्य ‘शूर्पणखा’ की विस्तृत व्याख्या प्रस्तुत  की गयी है | 

पृष्ठ-१८ पर अगीत छंदों का वर्णन एवं  ४६ पर अगीत का उदहारण व पृष्ठ ८५ पर अगीत कृतियों  का विवरण ---
:





सन्दर्भ –लखनऊ विश्वविद्यालय,लखनऊ..शोध प्रबंध,  डा. श्याम गुप्त का व्यक्तित्व एवं कृतित्व: एक अध्ययन-2015 ई. ..शोधार्थी-अर्चना कुमारी एम् ऐ हिन्दी, निर्देशक –प्रोफ. पवन अग्रवाल एम् ऐ ,पीएचडी(हिन्दी) हिन्दी तथा आधुनिक भारतीय भाषा विभाग |